पीएच.डी. (विद्या-वाचस्पति) कार्यक्रम
इस पूर्णकालिक अनुसंधान कार्यक्रम के अंतर्गत छात्रों को पीएच.डी. उपाधि की प्राप्ति हेतु भातासं के एक प्राध्यापक के पर्यवेक्षण में शोध कार्य करना है। छात्र, माह अगस्त में शुरु होने वाले पहले छमाही सत्र अथवा माह जनवरी में शुरु होने वाले दूसरे छमाही सत्र में प्रवेश कर सकते हैं।
दिसंबर मास में प्रवेश परीक्षा, तदुपरांत माह जनवरी में साक्षात्कार संचालित किए जाते हैं। जेईएसटी परीक्षा में उत्तीर्ण छात्रों को साक्षात्कार माह मई/जून में संचालित किया जाएगा।
इस कार्यक्रम में दाखिल होने के लिए अर्हक उपाधियां निम्नवत हैंः एम.एससी./एकीकृत एम.एससी.(भौतिकी, व्यावहारिक भौतिकी, अभियांत्रिकी भौतिकी, व्यावहारिक गणित, खगोल-विज्ञान, इलेक्ट्रॉनिक्स, फोटोनिक्स, ऑप्टिक्स), एम.ई./एम.टेक. तथा एकीकृत एम.ई./एम.टेक.(व्यावहारिक भौतिकी, अभियांत्रिकी भौतिकी, कंप्यूटर विज्ञान, इलेक्ट्रीकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, इन्स्ट्रमेन्टेशन, फोटोनिक्स, ऑप्टिक्स, ऑप्टो-इलेक्ट्रॉनिक्स, रेडियो भौतिकी एवम् इलेक्ट्रॉनिक्स), एम.फिल.(व्यावहारिक भौतिकी, इन्स्ट्रमेन्टेशन, फोटोनिक्स, ऑप्टिक्स, भौतिकी)।
पाठ्यक्रम
सभी छात्रों को पीएच.डी. शोध-प्रबंध प्रारंभ करने से पूर्व एक वर्ष की अवधि तक सामान्य पाठ्यक्रम का अध्ययन आवश्यक है। यह पाठ्यक्रम, भातासं में एक सप्ताह की अवधि के लिए खगोल-विज्ञान व ताराभौतिकी के परिचय हेतु अभिविन्यास कार्यक्रम से शुरु किया जाता है। संप्रति, शोध-पाठ्यक्रम निम्नवत हैः
पहले छमाही सत्र के दौरानः
1) जेएपी पाठ्यक्रम एए 362 – ताराभौतिकी में विकिरण प्रक्रिया
2) जेएपी पाठ्यक्रम एए 363 – द्रव्य यांत्रिकी एवम् प्लाज़्मा भौतिकी
3) जेएपी पाठ्यक्रम पीएच 217 – ताराभौतिकी का मूल सिद्धांत
4) भातासं पाठ्यक्रम - संख्यात्मक तथा सांख्यिकीय भौतिकी
दूसरे छमाही सत्र के दौरानः
1) जेएपी पाठ्यक्रम एए 365 – मंदाकिनी तथा अंतरातारकीय क्षेत्र
2) जेएपी पाठ्यक्रम एए 372 – सामान्य आपेक्षिकता तथा ब्रह्मांडिकी
3) भातासं पाठ्यक्रम – खगोलीय प्रविधियां
4) भातासं पाठ्यक्रम – अनुसंधान की प्रक्रिया
परियोजना (मई-जुलाई)
कार्यक्रम की अवधि
छात्रों को पीएच.डी. कार्यक्रम में दाखिल होने के पश्चात कनिष्ठ अनुसंधान अध्येता (जेआरएफ) का दर्जा प्रारंभ में दिया जाता है। दो वर्ष कनिष्ठ अनुसंधान अध्येता के रूप में कार्य करने के पश्चात उन्हें मूल्यांकन प्रक्रिया के आधार पर वरिष्ठ अनुसंधान अध्येता (एसआरएफ) का दर्जा दिया जाता है। साधारणतः अध्येता-कार्यकाल पांच वर्षों से अधिक नहीं होगा, जिसमें एक वर्ष के सामान्य पाठ्यक्रम की पढ़ाई भी शामिल है। छात्र को अपने पीएच.डी. का शोध-प्रबंध जमा करने के पश्चात एक और वर्ष हेतु वर्धित वृत्तिका प्रदान की जाएगी। इस अवधि के बाद अध्येता-कार्यकाल बढ़ाया नहीं जाएगा।
छात्रवृत्ति व अन्य भत्ता
कनिष्ठ अनुसंधान अध्येता तथा वरिष्ठ अनुसंधान अध्येता की वत्तिकाएं क्रमशः प्रति माह रु.25000/- तथा 28000/- होंगी। इसके अतिरिक्त उन्हें वार्षिक पुस्तक अनुदान तथा चिकित्सा सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी। पीएच.डी. के शोध-प्रबंध को जमा करने के पश्चात अध्येतावृत्ति में बढ़ोतरी की जाएगी। सामान्य रूप से सभी छात्रों के लिए छात्रावास का प्रबंध किया जाएगा। यदि कोई छात्र स्वतः अपने आवास का प्रबंध करना चाहता है तो उस स्थिति में संस्थान के नियमानुसार उन्हें गृह किराया भत्ता का भुगतान किया जाएगा। छात्र को संस्थान के अंशदान चिकित्सा योजना में अपना नाम दर्ज करने का हक है। आर्थिक सहायता प्राप्त कैंटीन की सुविधाएं, भातासं के बेंगलूरु परिसर तथा उसके क्षेत्रीय केन्द्रों में उपलब्ध हैं। छात्रों को उनके कार्यालयीन दौरों हेतु संस्थान के शासकीय कर्मचारियों के समान यात्रा तथा महंगाई भत्ता मिलते हैं। उन्हें राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक सम्मेलनों में भाग लेने हेतु आर्थिक सहायकता प्रदान की जाती है।